HINDI KAHANI STORY THINGS TO KNOW BEFORE YOU BUY

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को हिन्दी का प्रथम कहानी संग्रह मानते हैं, लेकिन ये कहानियाँ नही जीवनियाँ मात्र हैं।

कहानियाँ हैं। इनके सभी कहानियाँ पनघट, सुदर्शन सुधा, तीर्थ यात्रा आदि कहानी-संग्रहों में संग्रहित है।

उसके सामाजिक व्यवहार पर अधिक स्थिर होती है। 

हैं जिन्होंने मानव के मानसिक अन्तर्द्वन्द्वों और गूढ़ रहस्यों को परखने का यत्न

उपेक्षित कृषकों की आवाज थे, पर्दे में कैद, पद-पद लांछित और असहाय नारी जाति की महिमा के जवरदस्त वकील

साथ-साथ प्रगतिवादी कहानियाँ लिखी, इनकी कहानियों में कहीं-कहीं उन्मुक्त प्रेम की छटा भी

मुंशी प्रेमचन्द पश्चात् हिन्दी कहानी संसार में कुछ ऐसे कहानिकार भी आये

प्रेमचन्द और जयशंकर प्रसाद से भिन्न एक अलग रास्ता बनाया, उस समय की

(एक) जब तक गाड़ी नहीं चली थी, बलराज जैसे नशे में था। यह शोर-गुल से भरी दुनिया उसे एक निरर्थक तमाशे के समान जान पड़ती थी। प्रकृति उस दिन उग्र रूप धारण किए हुए थी। लाहौर का स्टेशन। रात के साढ़े नौ बजे। कराची एक्सप्रेस जिस प्लेटफ़ार्म पर खड़ी थी, वहाँ चन्द्रगुप्त विद्यालंकार

कहानी लेखकों ने विदेशी और बंगला कहानियों के प्रभाव में आकर हिन्दी भाषा में भी

महान कहानी कार प्रेमचन्द को केन्द्र में रखकर चर्चा करनी होगी।

कहानियाँ बिष्णु प्रभाकर की उत् कोटि की कहानियाँ हैं।

वह इस समय दूसरे कमरे में बेहोश पड़ा है। आज मैंने उसकी शराब में कोई चीज़ मिला दी थी कि ख़ाली शराब वह शरबत की तरह गट-गट पी जाता है और उस पर कोई ख़ास असर नहीं होता। आँखों में लाल ढोरे-से झूलने लगते हैं, माथे की शिकनें पसीने में भीगकर दमक उठती हैं, होंठों कृष्ण बलदेव वैद

मैं अमीर नहीं हूँ। बहुत कुछ समझदार भी नहीं हूँ। पर मैं परले दरजे का माँसाहारी हूँ। मैं रोज़ जंगल को जाता हूँ और एक-आध हिरन को मार लाता हूँ। यही मेरा रोज़मर्रा का काम है। मेरे घर में रुपये-पैसे की कमी नहीं। मुझे कोई फ़िकर भी नहीं। इसी सबब से हर रोज़ मैं निज़ाम शाह

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